REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल (Solar System) ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा है, जो हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारा घर है। यह हमारे ग्रह पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा, अन्य ग्रह, उनके उपग्रह, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और अन्य खगोलीय पिंडों का समूह है। सौर मंडल की रचना, इसके घटक और इसकी गतिविधियाँ मनुष्य के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही हैं। इस लेख में हम सौर मंडल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसके गठन, संरचना, ग्रहों, उपग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों के बारे में जानकारी शामिल होगी।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल क्या है?
सौर मंडल सूर्य और उसके चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों का एक समूह है। इसमें आठ ग्रह, उनके उपग्रह, बौने ग्रह, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और अन्य छोटे खगोलीय पिंड शामिल हैं। सूर्य सौर मंडल का केंद्र है और इसका गुरुत्वाकर्षण बल सभी पिंडों को एक साथ बांधे रखता है।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC: सौर मंडल का आकार अत्यंत विशाल है। यह लगभग 4.6 अरब वर्ष पुराना है और यह हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे (Milky Way) के एक कोने में स्थित है। सौर मंडल का व्यास लगभग 287.46 अरब किलोमीटर है, जिसमें सूर्य से लेकर नेपच्यून ग्रह तक की दूरी शामिल है।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल का गठन
सौर मंडल का गठन लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ था। इसकी उत्पत्ति एक विशाल आणविक बादल (Molecular Cloud) के संकुचन से हुई। यह बादल गैस और धूल से बना हुआ था। जब इस बादल का एक हिस्सा संकुचित हुआ, तो इसके केंद्र में सूर्य का निर्माण हुआ। शेष पदार्थ एक चक्रवाती डिस्क (Accretion Disk) के रूप में सूर्य के चारों ओर घूमने लगा।
समय के साथ, इस डिस्क में मौजूद पदार्थ आपस में टकराकर छोटे-छोटे पिंड बनाने लगे। ये पिंड आगे चलकर ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतु में विकसित हुए। इस प्रक्रिया को “ग्रहीय संचय” (Planetary Accretion) कहा जाता है।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल के प्रमुख घटक
सौर मंडल में कई प्रकार के खगोलीय पिंड शामिल हैं। इन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
1. सूर्य (The Sun)
सूर्य सौर मंडल का केंद्र है और इसका द्रव्यमान सौर मंडल के कुल द्रव्यमान का 99.86% है। यह एक विशाल गैसीय गोला है, जो मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बना हुआ है। सूर्य का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है और यह नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करता है।
सूर्य सौर मंडल के सभी पिंडों को गुरुत्वाकर्षण बल से बांधे रखता है और उन्हें प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है।
2. ग्रह (Planets)
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल में आठ ग्रह हैं, जिन्हें दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- स्थलीय ग्रह (Terrestrial Planets): ये ग्रह चट्टानी और ठोस हैं। इनमें बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल शामिल हैं।
- गैसीय ग्रह (Gas Giants): ये ग्रह मुख्य रूप से गैस से बने हुए हैं। इनमें बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) शामिल हैं।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : ग्रहों का संक्षिप्त परिचय:
- बुध (Mercury): सूर्य के सबसे नजदीक और सबसे छोटा ग्रह। इसका कोई उपग्रह नहीं है।
- शुक्र (Venus): पृथ्वी का निकटतम ग्रह और सबसे गर्म ग्रह। इसे “पृथ्वी की बहन” भी कहा जाता है।
- पृथ्वी (Earth): जीवन के लिए ज्ञात एकमात्र ग्रह। इसका एक उपग्रह है, चंद्रमा।
- मंगल (Mars): लाल ग्रह के नाम से जाना जाता है। इसके दो उपग्रह हैं, फोबोस और डीमोस।
- बृहस्पति (Jupiter): सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह। इसके 79 उपग्रह हैं।
- शनि (Saturn): इसके चारों ओर सुंदर वलय हैं। इसके 82 उपग्रह हैं।
- अरुण (Uranus): यह एक बर्फीला गैसीय ग्रह है। इसके 27 उपग्रह हैं।
- वरुण (Neptune): सौर मंडल का सबसे दूरस्थ ग्रह। इसके 14 उपग्रह हैं।
3. बौने ग्रह (Dwarf Planets)
बौने ग्रह वे खगोलीय पिंड हैं, जो ग्रहों की तरह गोलाकार हैं लेकिन अपने कक्षीय क्षेत्र को साफ नहीं कर पाए हैं। इनमें प्लूटो, सेरेस और एरिस शामिल हैं।
4. उपग्रह (Moons)
उपग्रह ग्रहों के चारों ओर परिक्रमा करने वाले प्राकृतिक पिंड हैं। सौर मंडल में 200 से अधिक उपग्रह हैं। पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है, जबकि बृहस्पति और शनि के दर्जनों उपग्रह हैं।
5. क्षुद्रग्रह (Asteroids)
क्षुद्रग्रह चट्टानी पिंड हैं, जो मुख्य रूप से मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं। इनका आकार छोटे पत्थरों से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक हो सकता है।
6. धूमकेतु (Comets)
धूमकेतु बर्फ, धूल और गैस से बने हुए पिंड हैं। जब ये सूर्य के नजदीक आते हैं, तो इनकी बर्फ पिघलकर एक चमकदार पूंछ बनाती है। हैली धूमकेतु सबसे प्रसिद्ध धूमकेतु है।
7. काइपर बेल्ट और ऊर्ट क्लाउड
काइपर बेल्ट नेपच्यून के बाद स्थित एक क्षेत्र है, जहां बर्फीले पिंड पाए जाते हैं। ऊर्ट क्लाउड सौर मंडल का सबसे बाहरी क्षेत्र है, जहां धूमकेतु उत्पन्न होते हैं।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल की गतिविधियाँ
सौर मंडल में सभी पिंड सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। यह परिक्रमा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होती है। ग्रहों की कक्षाएं दीर्घवृत्ताकार (Elliptical) होती हैं। ग्रहों की गति के नियमों को जोहान्स केप्लर ने समझाया था, जिन्हें केप्लर के नियम कहा जाता है।
सौर मंडल में घूर्णन (Rotation) और परिक्रमण (Revolution) दोनों होते हैं। उदाहरण के लिए, पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है (घूर्णन), जिससे दिन और रात होते हैं, और सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है (परिक्रमण), जिससे वर्ष बनता है।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 : सौर मंडल का महत्व
सौर मंडल का अध्ययन मनुष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, सौर मंडल के अन्य ग्रहों और उपग्रहों पर जीवन की संभावना का पता लगाना भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
REET 2ND LEVEL SST TOPIC WISE TEST 07 :
सौर मंडल एक अद्भुत और रहस्यमयी संरचना है, जो हमें ब्रह्मांड की विशालता और जटिलता का एहसास कराती है। सूर्य, ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतु मिलकर इस अनोखे समूह का निर्माण करते हैं। सौर मंडल का अध्ययन न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक रोमांचक विषय है। यह हमें हमारे अस्तित्व और ब्रह्मांड में हमारे स्थान के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करता है।
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